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इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन का समर्थन किया।
भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं इसकी जांच के लिए संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने प्रयागराज उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश के घर की अध्यक्षता मैं एक 4 सदस्यीय आयोग की नियुक्ति की।

धर आयोग के निर्णय की परीक्षा करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू वल्लभभाई पटेल और पट्टाबी सीता रमैया की एक समिति का गठन किया। राज्यों का पुनर्गठन। इस समिति ने भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया। नेहरू पटेल एवं सीतारामय्या समिति की रिपोर्ट के बाद मद्रास राज्य के तेलुगु भाषियों ने पोट्टी श्री रामलू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारंभ हुआ।
58 दिन के आमरण अनशन के बाद 15 दिसंबर 1952 ईस्वी को राम उल्लू की मृत्यु हो गई तथा उनकी मृत्यु के पश्चात प्रधानमंत्री नेहरू ने तेलुगु वासियों के लिए प्रथक आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा कर दी। 1 अक्टूबर 1953 ईस्वी को आंध्र प्रदेश राज्य का गठन हो गया यह राज्य स्वतंत्र भारत में भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य था उस समय आंध्र प्रदेश की राजधानी करनूल थी।
राज्यों का पुनर्गठन
राज्यों का पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष फजल अली थे इसके अन्य सदस्य पंडित हृदयनाथ गुंज्रु और सरदार के एम पाणिकर थे। राज्य पुनर्गठन अधिनियम जुलाई 1956 में पास किया गया। इसके अनुसार भारत में 14 राज्य एवं 6 केंद्र शासित प्रदेश स्थापित किए गए। नवंबर 1954 ईस्वी को फ्रांस की सरकार ने अपनी सभी बस्तियां पांडिचेरी या नाम चंद्र नगर और गिरी कल को भारत को सौंप दिया 28 मई 1956 ईस्वी को इस संबंध में संधि पर हस्ताक्षर हो गए जिसके बाद इन सभी को मिलाकर पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र का गठन किया गया। राज्यों का पुनर्गठन।

भारत सरकार ने 18 दिसंबर 1961 ईस्वी को गोवा दमन व दीव की मुक्ति के लिए पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्यवाही की और उन पर पूर्ण अधिकार कर लिया। 12वीं संविधान संशोधन द्वारा गोवा दमन व दीव को प्रथम परिशिष्ट में शामिल करके भारत का अभिन्न अंग बना दिया गया। वर्तमान समय में भारत में 28 राज्य एवं आठ संघ राज्य क्षेत्र हैं इन्हें ही संविधान की प्रथम अनुसूची में शामिल किया गया है।
क्षेत्रीय परिषद भारत में 5 क्षेत्रीय परिषद हैं इनका गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है और केंद्रीय गृह मंत्री या राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत केंद्रीय मंत्री क्षेत्रीय परिषद का अध्यक्ष होता है। संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते हैं जो प्रतिवर्ष बदलते रहते हैं यह केंद्र राज्य संबंधों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राज्यों का पुनर्गठन। क्षेत्रीय परिषद को 1956 ईस्वी के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था अतः यह सामुद्रिक निकाय है किंतु यह संविधिक निकाय नहीं है। इसके कुछ प्रकार निम्नलिखित विस्तृत किए गए हैं–
भारतीय राज्यों का पुनर्गठन,भारत में राज्यों की स्थापना।

- उत्तरी क्षेत्रीय परिषद पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश राजस्थान जम्मू कश्मीर लद्दाख चंडीगढ़ एवं दिल्ली।
- मध्य क्षेत्रीय परिषद उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश उत्तराखंड एवं छत्तीसगढ़।
- पूर्वी क्षेत्रीय परिषद बिहार पश्चिम बंगाल उड़ीसा झारखंड असम सिक्किम मणिपुर त्रिपुरा मेघालय नागालैंड अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम।
- पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद गुजरात महाराष्ट्र गोवा राज्य दमन दीप एवं दादर तथा नागर हवेली।
- दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद आंध्र प्रदेश तेलंगाना केरल कर्नाटक एवं तमिलनाडु एवं पांडिचेरी।
- पूर्वोत्तर परिषद इसका गठन संसदीय अधिनियम पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम 1971 द्वारा किया गया है यह 8 अगस्त 1972 ईस्वी में अस्तित्व में आया। इसके सदस्यों में असम मणिपुर मिजोरम अरुणाचल प्रदेश नागालैंड मेघालय त्रिपुरा तथा सिक्किम सम्मिलित है। इसके कार्य कुछ अतिरिक्त कार्य सहित वही है जो क्षेत्रीय परिषद के हैं तथा 1994 ईस्वी में सिक्किम पूर्वोत्तर परिषद का आठवां सदस्य बना। राज्यों का पुनर्गठन।
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