my mother at sixty six central idea for up Board class-12th exam 2023 | central idea in hindi |
my mother at sixty six central idea एक बहुत ही महत्वपूर्ण और परीक्षा की दृस्टि से अतिआवश्यक chapter है। परीक्षा में यदि central idea से जुड़ा हुआ कोई भी Question पूछा जायेगा तो अवश्य ही इस chapter का central idea पूछा ही जायेगा। अतः central idea of my mother at sixty six 2023 exam के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
इसीलिए आज हम आपके लिए सरल भाषा में my mother at sixty six chapter का central idea एकदम अलग तरीके से hindi तथा English दोनों ही language में प्रस्तुत करने वाले है। जिससे जब आपसे परीक्षा में यह सवाल पूछा जाये तो आप इसका जवाब बहुत ही सरलता के साथ अपनी उत्तर पुस्तिका में लिख पाए।
short summary of the lesson my mother at sixty six
इस chapter की summary हम आपको hindi तथा English दोनों ही language में याद करने का परामर्श करते है जिससे आपके 2 फायदे है एक तो आप को यह summary अच्छी तरह से याद भी हो जाएगी जिससे आप इससे पूछे जाने वाले short questions और long questions के answers सटीकता के साथ लिख सकते हो, और दूसरा फायदा यह है की आप अपने हिसाब से chapter का central idea बना के लिख सकते हो जिससे आपका central idea यूनिक बन जायेगा।
my mother at sixty six Short summary in English and also central idea
In the poem “My Mother at Sixty-Six,” Das explores the irony in mother-daughter relationship and includes the themes of aging, growing up, separation and love. On one Friday the poet was going to chochin airport from her parental home. Her aged mother was sitting besides her in the car. Her face had lost the glory and colour. The poet felt sad on seeing her mother’s ageing condition. But outside world was still full of life and activity. She looked again towords her mother who was like a late winter’s moon. Her childhood’s fear revived, nevertheless she bade goodbye to her aged mother with a smile wishing to meet her again after a span of time.
my mother at sixty six Short summary in Hindi
“माई मदर एट सिक्सटी-सिक्स” कविता में, दास माँ-बेटी के रिश्ते में विडंबना की पड़ताल करते हैं, और उम्र बढ़ने, बड़े होने, अलगाव और प्यार के विषयों को शामिल करते हैं। एक दिन शुक्रवार को कवियत्री अपने माता-पिता के घर से कोचीन हवाई अड्डे के लिए जा रही थी। कार में उनके समीप उनकी माँ बैठी हुई थी। उनके चेहरे की रौनक व् रंग फीका पड़ गया था। अपनी माँ की वृद्धावस्था को देखकर कवियत्री को दुःख हुआ। लेकिन बाहरी संसार पूरी तरह से जीवन्त और किर्याशील था। उन्होंने पुनः अपनी माँ को निहारा जो सर्दी के मौसम में देर से निकले चन्द्रमा की तरह दिखाई पड़ती है। उनके बचपन का भय पुनः साकार हो उठता है यथापि उन्होंने अपनी वर्द्ध माँ को एक मुस्कान के साथ अलविदा कहा इस अपेक्षा के साथ कि कुछ समय बाद पुनः मुलाकात होगी।
my mother at sixty six central idea pdf download
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my mother at sixty six ke lekhak kon he
my mother at sixty six ke lekhak कमला दास (kamla das) हैं। जिन्होंने यह इतनी सुन्दर कविता को लिखी है यह हमारी पाठय पुस्तक में से उन महत्वपूर्ण कविताओं में से एक है जो परीक्षा के द्र्स्टी से महत्वपूर्ण समझी जाती है। इसीलिए कमला दास (kamla das) द्वारा लिखी गयी कविता my mother at sixty six को आप ध्यान पूर्वक पड़े ताकि यदि इसमें से परीक्षा में कोई भी सवाल पूछा जाये तो आप इसे आसानी के साथ परीक्षा में लिख सके।
पाठ का सारांश | summary of the lesson my mother at sixty six
आज हम आपको my mother at sixty six chapter की summary बताने वाले है जिससे आपको central idea of my mother at sixty six परीक्षा में लिखने में सरलता होगी। इस कविता को मशहूर लेखिका कमला दास ने लिखा है। इस पोएम में वह बात कर रही है फीयर ऑफ सेपरेशन। वो बचपन में भी एक बार एक्सपिरियंस कर चुकी हैं, ये उनका डर था।
अब जब वो बड़ी हो गई है, तब भी उनको यही फिर एक्सपिरियंस हुआ। तो वही पॉइंट इस chapter में बताती हैं कि किस तरीके से जब वह ड्राइव कर रही थी अपने पैरेन्ट्स के होम से कोचिंग तो उनके साथ कार में उनकी मदर बैठी थी।
जब अपनी मदर को नोटिस करती है तो उन्हें इस बात का रियलाइजेशन होता है कि जैसे जैसे वो बड़ी हो गई है
उनकी मदर की उम्र भी भड़ती जा रही है। वो भी ओल्ड होती जा रही है ऐंड कही ना कही उन्होंने अपनी मदर के साथ काफी कम टाइम स्पेंड किया है तो इसीलिए उन्हें इस बात का रियलाइजेशन और गिल्ट दोनों होती है की नेक्स्ट टाइम जब वो अपने घर वापस आएगी, क्या उनकी मदर उनके साथ होंगी या नहीं होंगी?
तो ये जो फीयर ऑफ सेपरेशन है फ्रॉम हम मदर इसको वो यहाँ पे एक्सप्रेस करें तो स्टार्ट करते है। इसकी लाइन बाईलाइन समय ऐंड साथ साथ हम देखेंगे कुछ डिफिकल्ट वर्ड मीनिंग ज़
लुक टू पॉइन्ट शुरू होती है।
यह कविता शुरू होती है कार ड्राइविंग के सीन से जिसमे लेखिका अपने माताजी के साथ कँही जा रही होती है। जब वो अपने पैरेन्ट्स के घर से कोचिन ड्राइव कर रही थी, उनके साथ उनकी मदर बैठी थी । जब वो उन्हें नोटिस करती है तो यहाँ पे कुछ वर्ड्स वो यूज़ करती है जो कि काफी इम्पोर्टेन्ट है।
अपनी बूढ़ी mother के प्रति जो बूढ़ी होती जा रही है उनके प्रति तो ये जो पोयम ये कुछ ऐसे शुरू हो रहा है की ये लास्ट फ्राइडे अपनी मॉम के घर से यानी की अपने पैरंट्स के घर से वापस कोचीन जा रही थी। ठीक है तब वो देखती है की उनकी मॉम उनके कार में बगल में बैठी रहती है और उनकी मॉम का जो मुँह है, वो खुला रहता है और वो बहुत ही गहरी नींद में सोई हुई होती है।
फिर वो महसूस करती है। उनके बूढ़े चेहरे को जो थोड़ा झुर्रियां से घिरा हुआ होता है ना उसी टाइप से उनकी मॉम का भी फेस हो गया था। फिर वो ध्यान से देखती है, फिर उन्हें पता चलता है कि उनकी मॉम सच में बूढ़ी होते जा रही है। फिर वो अपनी मॉम के लिए लव, लव, सिंपथी पेन ये सब फील करने लगती है और वो रिकॉग्नाइज करती है की उनकी मॉम को अब प्यार और केयर की बहुत ज्यादा जरूरत है।
क्योंकि उनकी मॉम सच में बहुत ही ज्यादा बूढ़ी हो चुकी है। फिर वो जो अपनी मॉम को देख रही थी तो उन्हें ऐसा लग रहा था उनकी फेस को देख के जैसे की किसी डेड बॉडी का फेस मतलब कोई डेड बॉडी वहाँ पे पड़ा हुआ है। उन्हें अपनी माँ के लिए बहुत ही ज्यादा बुरा फील हुआ।
मतलब वह बहुत ही ज्यादा बुरा फील कर रही थी। लेकिन वो इस सिचुएशन से बाहर आना चाहती थी। जो वो अपनी मॉम को देख रही थीं, उन्हें जो बहुत बुरा लग रहा था, वो जो बहुत खराब वाला सिचुएशन था ना गंदा वाला सिचुएशन जब उन्हें अपनी मॉम को देखकर बहुत ज्यादा बुरा फील हो रहा था, वो वाले सिचुएशन से वो बहार आना चाहती थी।
इसलिए वो अपनी खिड़की से वरना यानी की कार के विंडो से बाहर दिखती है। फिर वो देखती है ना की वो जो पेड़ होते है। बहुत सारे पेड़ जो होते है ना उन्हें देख के ऐसा लग रहा था की पेड़ दौड़ दौड़ के पीछे भाग रहे हैं। ऐक्चुअली में पेड़ तो पीछे भाग नहीं सकते हैं तो क्या हो रहा था? कार जब आके चल रहा था, कार मूव कर रहा था। my mother at sixty six
जब वो बाहर देख रही थीं तो उन्हें ऐसा लग रहा था की पैर दौड़ दौड़ के पीछे जा रहे हैं, पर एक्चुअली में क्या हो रहा था? कार मूव कर रहा था, ठीक है और फिर वो कुछ बच्चों को देखते हैं जो की बहुत ज्यादा खुश हो रहे हैं, खुश रहते हैं, खेल रहे होते हैं। my mother at sixty six
फिर वो नोटिस करती है और कहती है की उनकी जो मॉम है वो इस यंग ट्री से और इन यंग बच्चों से बहुत ही ज्यादा अपोज़िट है। क्योंकि उनकी मॉम है, वो ओल्ड हो चुकी है, वो बूढ़ी होते जा रही है। वह जल्द ही उन्हें छोड़कर चली जाएगी। वो जो बच्चे है वो बहुत ही ज्यादा यंग है।
उनमें एक दम सब कुछ जो श्वास सब भरा हुआ है और उनकी मॉम अपोज़िट है, एकदम मरियल टाइप सी हो गई है। अब जो हमारी पॉइंट है ना, वो एअरपोर्ट के सिक्योरिटी चेक से आगे निकलती है। यानी की सिक्योरिटी। जो चेक होता है जिससे पास करके आगे जाना होता है, वो वहाँ से आगे निकलती हैं।
फिर उनकी मॉम कुछ ही आर्ट्स दूर खड़ी होती हैं, बस कुछ ही दूरी पर खड़ी होती है। वो मुड़ के अपनी मॉम की तरफ़ देखती है, अपनी मॉम के फेस के तरफ देखती है जो कि बहुत सारे डल कलर लिस्ट बहुत ही ज्यादा समझ रहे हो ना? बुढ़ापे टाइप से जो एजिंग फेस होता है उसे देखती है।
फिर वो अपनी मॉम के फेस की तुलना करती है। जब विंटर के टाइम में आप ऐड्वैन्स फेर को देखोगे ना तो बहुत ही ज्यादा धुंधला धुंधला सा होता है जिसके कारण क्या होता है। हमारे जो मून का लाइट होता है ना वो ढंग से जमीन पे हमारे तक नहीं पहुँच पाता है। तो मून जो होता है ना वो बहुत ज्यादा डल दिखता है। लगता है जैसे एकदम मून में लाइट ही नहीं रहा है। my mother at sixty six
विंटर्स के टाइम में वो ऐसा उनकी मॉम का फेस भी हो गया था। ठीक है, बिल्कुल उसी की तरह डल और पेल्लुरी पॉइंट बताती है ना की ये सब सिचुएशन को देख के उन्हें अपनी चाइल्डहुड फेस की याद आ जाती है। जब वह बच्ची थी तब भी उन्हें ऐसा डर लगा रहता था कि कहीं वह अपनी मॉम से दूर ना हो जाये क्योंकि उनकी मम्मी उस टाइम, उनकी पूरी जिंदगी होती है। my mother at sixty six
एक बच्चे के लिए उनकी उसकी माँ कितनी इम्पोर्टेन्ट होती है यह आप सभी लोग जानते होंगे। उस टाइम उसकी मॉम ही सब कुछ होती है। ठीक है तो फिर यही फिर उन्हें वापस से महसूस होने लगती है। पता है क्या होता है हमारे जो अब पोएम हो रहा है यहाँ पे हमारी लेखिका अपनी मॉम की तरफ देख रही होती है फिर स्माइल करती है और फिर कहती हैं की सी यू सून अम्मा अम्मा तुम्हें पता है मम्मी को कहते हैं अलग पता नहीं कौन सा लैंग्वेज में बट कहते हैं। my mother at sixty six
हिंदी में ही कहते हैं शायद तो फिर वो अपनी मॉम की तरफ़ देखती है। कहती है सी यू सून अम्मा ठीक है और फिर वो वहाँ से स्माइल स्माइल स्माइल यानी की स्माइल करती है बस अपनी मॉम को देख के और फिर वहाँ से चली जाती है और इस तरह से हमारे जो पोयम रहता है वो खत्म हो जाता है। my mother at sixty six
my mother at sixty six poem
Driving from my parent’s
home to Cochin last Friday
morning, I saw my mother,
beside me,
doze, open mouthed, her face
ashen like that
of a corpse and realised with pain
that she was as old as she
looked but soon
put that thought away, and
looked out at Young
Trees sprinting, the merry children spilling
out of their homes, but after the airport’s
security check, standing a few yards
away, I looked again at her, wan,
pale
as a late winter’s moon and felt that
old
familiar ache, my childhood’s fear,
but all I said was, see you soon,
Amma,
all I did was smile and smile and
smile……
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