An outcast of the islands

Author: Joseph Conrad

Publish Year: 1896

Book Size: 19.1 MB

About the Book

An Outcast of the Islands जोसेफ कॉनराड का एक शक्तिशाली और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से गहरा उपन्यास है, जो उपनिवेशवाद, नैतिक पतन और आत्मा की पीड़ा जैसे विषयों की पड़ताल करता है। कहानी पीटर विलियम्सन नामक एक यूरोपीय व्यापारी की है, जिसे उसकी गलतियों के कारण समाज से निकाल दिया जाता है। अपने लालच और झूठ के चलते वह एक दूरस्थ द्वीप पर शरण लेता है, जहाँ वह एक नई दुनिया का सामना करता है—एक ऐसी दुनिया जो पहले से भी अधिक जटिल और नैतिक रूप से चुनौतीपूर्ण है।

विलियम्सन की यात्रा आत्म-खोज से कहीं अधिक, आत्म-विनाश की ओर बढ़ती है। वह जिन मूल्यों को पीछे छोड़ आया था, वे उसकी नई ज़िंदगी में और भी अधिक स्पष्ट रूप से सामने आते हैं। जोसेफ कॉनराड का गद्य गहराई और सजीव चित्रण से भरपूर है, जो पाठकों को 19वीं सदी के दक्षिण-पूर्व एशियाई द्वीपों की दुनिया में खींच ले जाता है।

यह उपन्यास केवल एक कहानी नहीं, बल्कि मानव मन की गहराइयों में झाँकने का एक अवसर है। यदि आप ऐसे साहित्य की तलाश में हैं जो सोचने पर मजबूर करे और लंबे समय तक असर छोड़े, तो An Outcast of the Islands अवश्य पढ़ें।